जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ'डायर थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में हुआ था। ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल रेजीनाल्ड एडवर्ड डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे लोगों की भीड़ पर गोलियां चलाईं, जो वहां बैसाखी मनाने और रॉलेट एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए थे। इस हत्याकांड में चक्रव्यूह रचकर चारो ओर से घेरकर निहत्थे लोगों की भीड़ पर गोलियां चलाईं और हजारो लोगो को मार डाली गई थी। किसी की हत्या करने के लिए चक्रव्यूह रचना, निर्दोष लोगों की हत्या करना,हजारों लोगों को जान से मार डालने का आदेश देना इत्यादी जघन्य अपराध हैं। इस धरती पर चाहे बाड़ा आदमी हो या छोटा आदमी हो, अध्यात्मिक समबिधान मे पाप हो या पुन्य सब के लिए बराबर इंसाफ की जाती हैं। मानव के द्वारा रचित समविधान कई माध्यम से किसी को सजा मिले अथवा नही मिले कोई फर्क नही पड़ता। लेकिन अध्यात्मिक समविधान में सब को अपने कर्मो के हिसाब से उसका फल जरुर मिलता हैं। जालियावाला बाग हत्याकांड के हत्यारो के द्वारा किए गए कुकर्म जैसे जांनलेवा षड्यंत्र रचना, मौत का चक्रव्यूह रचना, बेकसूरों को घेरकर मार देना जैसे अपराध के लिए नर्क की सजा दी गई। जनरल डायर को जघन्य अपराध के लिए नर्क की सजा के तहत उसे मकरी योनी मे जन्म हुआ। जांलेवा षड्यंत्र रचना, मौत का चक्रव्यूह रचना, बेकसूरों को घेरकर मार देना इत्यादी मकरी का स्वभाव और कर्म हैं। नर्क में जन्म का मतलब अल्प आयु, वाक शुन्यता, सिमित बौद्धिक अस्तर, गहरी सोचन शक्ती का अभाव इत्यादी होता हैं। यानी जैसी स्वभाव और कर्म वैसी स्वभाव और कर्मो वाली योनि मे जन्म्।
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