तन्त्रिका तन्त्र (Nervous System)

जिस तन्त्र के द्वारा विभिन्न अंगों का नियंत्रण और अंगों और वातावरण में सामंजस्य स्थापित होता है उसे तन्त्रिका तन्त्र कहते हैं। मनुष्य शरीर में तंत्रिकाएँ शरीर के लगभग हर भाग को मस्तिष्क या मेरूरज्जु से जोड़कर उनमें आपसी संपर्क रखतीं हैं। तन्त्रिका तन्त्र सिर्फ जन्तुओं में पाया जाता है, जबकि पौधों में अनुपस्थित होता है। इसका निर्माण एक्टोडर्म से होता है। तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क, मेरुरज्जु और इनसे नि कलनेवाली तंत्रिकाओं की गणना की जाती है। तन्त्रिका तन्त्र की कार्यात्मक इकाई न्यूरॉन (neuron) होती है, जो एक महीन धागे के रूप में जाल सदृश सम्पूर्ण शरीर में फैली होती है। तंत्रिका कोशिका एवं इसकी सहायक अन्य कोशिकाएँ मिलकर तन्त्रिका तन्त्र के कार्यों को सम्पन्न करती हैं। तन्त्रिका कोशिकाएँ वातावरणी य परिवर्तनों की सूचनाओं को संवेदी अंगों से प्राप्त कर विद्युत रासायनिक आवेगों(electrochemical impulses) के रूप में इनका प्रसारण करती है। विद्युतरोधी तन्त्रिकाएँ चारों ओर से माइलिन आच्छाद से घिरी होती हैं। इससे प्राणी को वातावरण में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी प्राप्त होती है | एककोशिकीय प्राणियों जैसे अमीबा इत्यादि में तन्त्रिका तन्त्र नहीं पाया जा ता है। हाइड्रा ,प्लेनेरिया , तिलचट्टा आदि बहुकोशिकीय प्राणियों में तन्त्रिका तन्त्र पाया जाता है। मनुष्य में सुविकसित तन्त्रिका तन्त्र पाया जाता है।

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