Spiritual Government - सनातन सरकार


                                                                                                            

सनातन धर्म में सबसे सर्वोच्च (सुप्रीम पावर) स्थान पर विराजमान ईश्वर मतलब परमपिता,,परब्रह्म परमात्मा यानी फादर ऑफ यूनिवर्स है। उसके बाद दूसरे स्थान पर हाई पॉवर यानी गॉड हैं, ये एक्टिंग प्रेसिडेंट होते है और तीसरे स्थान पर डिवाइन पावर यानी दैवीय शक्ति है, ये दैवीय मुख्य या एक्टिंग चीफ होते हैं। इन्ही तीन शक्तियों के मेल को ट्रिनिटी यानी त्रिमूर्ति कहते हैं। आसान भाषा में कहें तो त्रिमूर्ति पिता, पुत्र और दैवीय मुख्य की एकता को त्रिमूर्ति (ट्रिनिटी) कहते है। इन त्रिमूर्ति के नीचे डिवाइन हेड(दैवीय मुखिया), डिवाइन एक्टिविस्ट(दैवीय कार्यकर्ता), पॉजिटिव स्पिरिट(सकारात्मक आत्मा) और निगेटव स्पिरिट(नकारात्मक आत्मा) इत्यादि हैं। लेकिन हिंदू त्रिमुर्ति को ब्रह्मा, विष्णुं और शिव के रुप में जानते हैं, परंतु असल में इन तीन में से दो पंथों के पिता(फादर ऑफ सेक्टस) हैं। सनातन धर्म में मुख्य रुप से दो उप धर्म हैं जैसे वैदिक धर्म, अब्राहमिक धर्म। वैदिक उप धर्म के अंदर वैष्णव, शाक्त, शैव,  जैन, बौद्ध, सिक्ख इत्यादी पंथ हैं। और सभी पंथों का अपना-अपना फादर हैं। लेकिन अध्यात्मिक सत्ता में परमात्मा के कथनाअनुसार परमपिता स्वेंग परब्रह्म परमात्मा सुर्यदेव हैं और ब्रह्मा के कथनानुसार वह स्वेंग ब्रह्मांड के प्रधान हैं। और पुत्र सभी पंथों कें पंथप्रमुख हैं एवम बांकी दैवीय मुखिया पंथप्रमुख के अंदर काम करते हैं। दैविय मुखिया के अंदर डिवाइन एक्टिविस्ट(दैवीय कार्यकर्ता) और पॉजिटिव स्पिरिट(सकारात्मक आत्मा) इत्यादी काम करते हैं। पंथप्रमुख, दैविय मुखिया, दैवीय कार्यकर्ता और दिव्य आत्मा के द्वारा भुत, पिचाश, देवी, मनुष्यदेवा, चुड़ैल, आतंकी आत्मा, दुष्ट आत्मा ईत्यादी को कंट्रोल किए जाते हैं।











 

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