DEMOLITION OF RAM  MANDIR : -  राम मंदिर - विध्वंस की सत्य घटना



 अयोध्या में नव निर्मित राममंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली थी। हर तरफ की चर्चा चल रही थी। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढाहें जाने और उसी जगह राम मंदिर बनाए जाने की चर्चा भी चल रही थी। क्योंकि हमें इस घटना का पूर्ण रूप से ज्ञात नहीं था। हम इस विषय पर मन हि मन मंथन करने लगे, लेकिन हमारे मन मंथन से रिजल्ट नही निकला। वस्तुतह हम पूर्ण सत्यता जानने के लिए राम जी से पुछ्ने क सोचे। पूछने पर राम जी बोले, "मेरे प्रिए भक्त 1527 में राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी, ये बात सत्य हैं।" राम जी ने 1527 ई0 पुर्व बने हुए मंदिर को दिखाते हुए बोले, "देखो सब लोग मिलकर कैसे मँदिर को ध्वस्त कर रहे हैं।" हमने देखा कि राम मंदिर के बेस को छोड़ कर ऊपरी ढांचे को लोग तोड़ रहे थे। परंतु इसमें भी कुछ को तोड़ा और कुछ को पूरा न तोड़ कर आधा अधूरा ही तोड़ कर छोड़ दीया गया। फिर राम जी बोले, "देखो मेरे स्थान पर बने मंदिर को मस्जिद का रूप देकर इन्होंने अपने प्रोफेट यानी अपने सुलतान का नाम लिख दिया है।" मैंने देखा, वास्तव में मस्जिद के गेट के ऊपर प्रोफेट लिखा था। फिर राम जी मुझे अंदर लेकर गए। अंदर जाकर मैंने देखा, "तीन नर आत्माएं लाइन में बैठी हुई थी। ऐसा लगा की तीनो का आपस में कोई रिश्ता हो जैसे दादा, पिता, बेटा। लेकिन उन तीनो की स्थिति को देख कर मेरे होश उर गए। ऐसा विक्षिप्त नजारा की कल्पना मैं कर ही नहीं सकता। उन तीनों का राक्षसी अस्तित्व यानी एक दानव में जो गुण होता है वह कुछ वैसा ही दिख रहा था। तीनो खुद को एक चादर से ढका हुआ था। परंतु आश्चर्य की बात ये थी कि तीनो के शरीर के ऊपर विशेले जीव, कीड़े, विषेले मक्खी इत्यादि चहलकदमी करते हुए, उसे काट रहे थे और ऐसा लगा कि वो तीनो विशेले जीव, कीड़े, विषेले मक्खी के डंक से बहुत बैचन हों , छटपटा रहा हों। उन तीनों में से एक ने बोला, " हम लोगो ने बहुत पाप किए, बेकसुर लोगो कि हत्याए की और आस्था के मंदिर को तोड़ा, इसीलिए हमे ये सजा मिली हैं।" मैं सोच में पर गया। राम जी बोले, "देखो इन तीनों को, जो मंदिर के विध्वंस का करण बना, उन्हें गंभीर सजा मिली हैं।" उन तीनो के सजा को देखकर मेरा मन विचलित सा हो गया। परमात्मा दुष्ट को इस प्रकार से भी सजा देते है। राम जी आगे बताते हैं, "देखो ! जिन आक्रांताओ ने बेकसुर हिंदुओं को हत्या की, उन पापी, कुकर्मिओ, हत्यारो को नरक की सजा मिली।" 


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